
लखनऊ के क्वीन मैरी अस्पताल और केजीएमयू एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार किसी शोध या मेडिकल ब्रेकथ्रू को लेकर नहीं, बल्कि बिना अनुमति नसबंदी जैसे गंभीर आरोप पर। हरदोई निवासी हेमवती नंदन ने अपनी पत्नी के प्रसव के दौरान नसबंदी कर देने पर न्यायालय में गुहार लगाई थी।
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आरोप है कि 4 अक्टूबर 2022 को महिला की डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने परिजनों की मर्जी के खिलाफ नसबंदी कर दी, और इलाज के दौरान नवजात शिशु की मृत्यु भी हो गई। कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन कुलपति सहित चार डॉक्टरों – अमिता पांडे, मोनिका अग्रवाल, निदा खान और शिवानी – पर FIR दर्ज हुई है।
237 कंप्यूटर ऑपरेटरों का तबादला: यूपी पुलिस में ‘फाइल ट्रांसफर’ का नया दौर
यूपी पुलिस विभाग ने 237 कंप्यूटर ऑपरेटरों का तबादला कर दिया है। लखनऊ से आदेश जारी कर इन्हें प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है। इस तबादले को विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में एक कदम बताया गया है।
हालांकि, जिन ऑपरेटरों को अचानक नई जगह भेजा गया है, वे अब भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि – कौन सा बटन दबा दिया गया कि सिस्टम ही शिफ्ट हो गया!
मक्का की खरीद पर राहत: MSP पर ₹2225 में खरीदी, पंजीकरण अनिवार्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने मक्का की एमएसपी पर खरीद की घोषणा कर दी है। किसानों से 31 जुलाई 2025 तक ₹2225 प्रति क्विंटल की दर पर मक्का खरीदी जाएगी।
यह व्यवस्था 22 जिलों में लागू होगी और किसानों को इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। खरीदी का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया जाएगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
सिस्टम तो एक्शन में है, लेकिन भरोसा अब भी ICU में
तीनों खबरें दिखाती हैं कि यूपी प्रशासन हर स्तर पर सक्रिय है – स्वास्थ्य विभाग में जवाबदेही, पुलिस महकमे में फेरबदल, और कृषि में किसानों के हक़ को सुरक्षित करने की कोशिश।
लेकिन एक आम नागरिक या किसान के मन में यही सवाल है – “इन व्यवस्थाओं में हम कब सुरक्षित महसूस करेंगे? जब बच्चे की जान जाए, या जब सिस्टम फाइलों से ऊपर उठे?”
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